नील नितिन मुकेश ने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। उन्होंने बताया कि कैसे लोगों का नजरिया उनके करियर के ग्राफ के अनुसार बदलता है। एक विशेष इंटरव्यू में, गायक नितिन मुकेश के बेटे ने कहा कि हिंदी फिल्म उद्योग में कुछ लोग ऐसे हैं जो कलाकारों की कठिनाइयों पर खुश होते हैं।
उन्होंने कहा, "बॉलीवुड में, जब कोई फिल्म शुक्रवार को सफल नहीं होती, तो लोग जश्न मनाते हैं। आप किसी की असफलता पर अधिक खुश होते हैं बजाय किसी की सफलता के।" नील ने यह भी कहा कि ऐसे माहौल में रहने पर, आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका अपने जुनून और आत्मविश्वास को बनाए रखना है।
बॉलीवुड में आलोचना और शरीर शेमिंग
नील ने आगे कहा कि बॉलीवुड में आलोचना कभी-कभी विषाक्त हो जाती है। उन्होंने कहा, "यह सच है, और यह एक ऐसे स्तर तक पहुंच जाता है जहां यह विषाक्त हो जाता है। मैंने इसे बहुत देखा है, और अभी भी देखता हूं।" उन्होंने यह भी बताया कि लोग एक-दूसरे की सफलताओं की सराहना नहीं करते, जब तक कि वे बहुत करीबी न हों।
इसी बातचीत में, नील ने कहा कि उद्योग में शरीर शेमिंग भी बहुत होती है। उनके अनुसार, कुछ अभिनेता कहते हैं, 'इस व्यक्ति को वजन कम करना चाहिए।' लेकिन नील को समझ नहीं आता कि लोग किसी की उपस्थिति के बारे में क्यों बात करते हैं, न कि उनके प्रदर्शन के बारे में।
दिखावट का प्रभाव
नील ने कहा कि जब उन्होंने अपनी भूमिका के लिए वजन कम किया, तो लोगों ने उनसे पूछा कि क्या वे किसी बीमारी से ग्रसित हैं। यह बात उन्हें इतनी प्रभावित करती है कि अब वे महसूस करते हैं कि "एक निश्चित तरीके से दिखना एक बाधा है।"
उन्होंने बॉलीवुड के कुछ सुपरस्टार्स का उदाहरण देते हुए कहा कि आज भी, शाहरुख़ ख़ान खुद को विभिन्न अवतारों में ढालने की कोशिश करते हैं। नील ने कहा, "कभी-कभी, दिखावट एक बाधा बन सकती है।"
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